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“नव परिवर्तनों के दौर में हिन्दी ब्लॉगिंग”
हिन्दी ब्लाग …वैश्विक पहुंच के साथ वैचारिक अभिव्यक्ति का सहज साधन
विवेक रंजन श्रीवास्तव
O B 11 , M P E B Colony , Rampur JABALPUR – 482008
किसी भी सामाजिक बदलाव के लिये सर्वाधिक महत्व विचारों का ही होता है , और आज ब्लाग वैश्विक पहुंच के साथ वैचारिक अभिव्यक्ति के सहज , सस्ते , सर्वसुलभ साधन बन चुके हैं .विधायिका , कार्यपालिका , न्यायपालिका के तीन संवैधानिक स्तंभो के बाद पत्रकारिता को लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के रूप में मान्यता दी गई है . आमआदमी की ब्लाग तक सहज पहुंच और उसकी त्वरित स्वसंपादित प्रसारण क्षमता के चलते ब्लाग जगत को लोकतंत्र के पांचवे स्तंभ के रूप में देखा जा रहा है .विशेष रूप से हिन्दी ब्लाग के द्वारा जो लेखन हो रहा है उसके माध्यम से साहित्य , कला समीक्षा , फोटो , डायरी लेखन आदि आदि विधाओ में विशेष रूप से युवा रचनाकार अपनी नियमित अभिव्यक्ति कर रहे हैं . वेब दुनिया , जागरण जंकशन , नवभारत टाइम्स के अपना ब्लाग जैसे अनेक हिन्दी पोर्टल हिन्दी ब्लागर्स को बना बनाया मंच व विशाल पाठक परिवार सुगमता से उपलब्ध करवा रहे हैं .
विगत वर्ष अन्ना हजारे के द्वारा भ्रष्टाचार के विरुद्ध एक सफल जन आंदोलन बिना बंद , तोड़फोड़ या आगजनी के चलाया गया , और उसे मिले जन समर्थन के कारण सरकार को विवश होकर उनके सम्मुख किसी हद तक झुकना पड़ा . उल्लेखनीय है कि इस आंदोलन में विशेष रुप से नई पीढ़ी ने इंटरनेट , मोबाइल एस एम एस , यहां तक कि मिस्डकाल के द्वारा भी तथा विशेष रूप से ब्लाग लेखन के द्वारा ही अपना महत्वपूर्ण समर्थन दिया .
युवाओ में बढ़ी कम्प्यूटर साक्षरता से उनके द्वारा देखे जा रहे ब्लाग के विषय युवा केंद्रित अधिक हैं .विज्ञापन , क्रय विक्रय , शैक्षिक विषयो के ब्लाग के साथ साथ स्वाभाविक रूप से जो मुक्ताकाश ब्लाग ने सुलभ करवाया है , उससे सैक्स की वर्जना , सीमा मुक्त हो चली है . पिछले दिनो वैलेंटाइन डे के पक्ष विपक्ष में लिखे गये ब्लाग अखबारो की चर्चा में रहे .प्रिंट मीडिया में चर्चित ब्लाग के विजिटर तेजी से बढ़ते हैं , और अखबार के पन्नो में ब्लाग तभी चर्चा में आता है जब उसमें कुछ विवादास्पद , कुछ चटपटी , बातें होती हैं , इस कारण अनेक ब्लाग हिट्स बटोरने के लिये गंभीर चिंतन से परे दिशाहीन होते भी दिखते हैं .भारतीय समाज में स्थाई परिवर्तन में हिंदी भाषा के ब्लाग बड़ी भूमिका निभाने की स्थिति में हैं ,क्योकि ज्यादातर हिंदी ब्लाग कवियों , लेखको , विचारको के सामूहिक या व्यक्तिगत ब्लाग हैं जो धारावाहिक किताब की तरह नित नयी वैचारिक सामग्री पाठको तक पहुंचा रहे हैं . पाडकास्टिंग तकनीक के जरिये आवाज एवं वीडियो के ब्लाग , मोबाइल के जरिये ब्लाग पर चित्र व वीडियो क्लिप अपलोड करने की नवीनतम तकनीको के प्रयोग तथा मोबाइल पर ही इंटरनेट के माध्यम से ब्लाग तक पहुंच पाने की क्षमता उपलब्ध हो जाने से ब्लाग और भी लोकप्रिय हो रहे हैं .
ब्लाग के महत्व को समझते हुये ही बी बी सी , स्क्रेचमाईसोल , रेडियो जर्मनी ,टी वी चैनल्स , तथा देश के विभिन्न अखबारो तथा न्यूज चैनल्स ने भी अपनी वेबसाइट्स पर पाठको के ब्लाग के पन्ने बना रखे हैं . ब्लागर्स पार्क दुनिया की पहली ब्लागजीन के रूप में नियमित रूप से मासिक प्रकाशित हो रही है . यह पत्रिका ब्लाग पर प्रकाशित सामग्री को पत्रिका के रूप में संजोकर प्रस्तुत करने का अनोखा कार्य कर रही है . संपादकीय पृष्ठ पर प्रायः समाचार पत्र ब्लाग से सामग्री उधृत करते हैं . यह सही है कि अभी ब्लाग आंदोलन नया है , पर जैसे जैसे नई कम्प्यूटर साक्षर पीढ़ी बड़ी होगी , इंटरनेट और सस्ता होगा तथा आम लोगो तक इसकी पहुंच बढ़ेगी ब्लाग मीडिया और भी ज्यादा सशक्त होता जायेगा , एवं ब्लाग भविष्य में सामाजिक क्रांति का सूत्रधार बनेगा .
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