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गौरैया !

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गौरैया !

विवेक रंजन श्रीवास्तव विनम्र
ओ बी ११ , विद्युत मण्डल कालोनी , रामपुर , जबलपुर
मो ९४२५४८४४५२

बिन पाले जो रहती घर में ,ऐसी चिड़िया है गौरैया
चितकबरे पंखो वाली पर , सुंदर चिड़िया है गौरैया

दादी दाने रोज डालती , खा लेती पर हाथ न आती
पकड़ नही पाता कोई उसको , फट से उड़ जाती गौरैया

आंगन में करती है कलरव , भोर भये चें चूं का उत्सव
तिनका तिनका जोड़ बनाती , ड्राइंग रूम में घर गौरैया

सुबह निकलती , रात से पहले , लौट घोंसले में आ जाती
नन्हीं है , पर समझदार है , कुनबे में रहती गौरैया

चिड़वा , चिड़ी , चिरैया , गौरा , कई नामो से जानी जाती
हमने बचपन में देखी जो , पहली चिड़िया , वो गौरैया

vivek ranjan shrivastava

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